परीक्षण करें कि आपके शब्द कितने आहत करने वाले हैं
बोलना एक कला है, इससे लोगों का दिल खिल भी सकता है और दिल दुख भी सकता है। जैसा कि कहा जाता है: 'वक्ता का कोई इरादा नहीं है, लेकिन श्रोता का इरादा है।' वक्ता के पास लक्ष्य करने का इरादा नहीं हो सकता है, लेकिन सुनने वाला व्यक्ति आहत महसूस करता है। इसके लिए हमें दैनिक जीवन में बोलते समय सावधान रहना होगा और अपने कठोर शब्दों को दूर रखने की कोशिश करनी होगी, ताकि दोस्ती की नाव आसानी से न पलट जाए। अच्छा, क...