आजकल, हम अक्सर ऐसे शब्द सुनते हैं जैसे ‘ओह, यह वास्तव में उबाऊ है, कुछ भी करने का कोई मतलब नहीं है’, ‘भूल जाओ, चलो बस करते हैं, करने के लिए कुछ नहीं है’, आदि। यह मनोवैज्ञानिक शून्यता का प्रकटीकरण है।
क्या अब आप मानसिक रूप से खाली हो गये हैं? इस परीक्षण प्रश्न का उत्तर ‘हां’ या ‘नहीं’ में दें।