दूसरों की नज़रों में हमारी छवि हमारे मन में मौजूद छवि से भिन्न हो सकती है। क्योंकि हर किसी का दृष्टिकोण और देखने का तरीका अलग-अलग होता है, वे खुद को अलग-अलग देखते हैं। कुछ लोग सोच सकते हैं कि वे हँसमुख और विनोदी हैं, लेकिन दूसरों की नज़र में उन्हें लग सकता है कि वे थोड़े सुस्त हैं। इसी तरह, कुछ लोग खुद को ईमानदार और ईमानदार मान सकते हैं, लेकिन कभी-कभी दूसरों को यह बहुत ज्यादा अड़ियल लग सकता है।
दूसरों की नजरों में खुद को समझना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हमें खुद को अधिक निष्पक्षता से समझने में मदद मिल सकती है। जब हम जानते हैं कि दूसरे हमारे बारे में क्या सोचते हैं, तो हम अपनी ताकत और कमजोरियों पर बेहतर ढंग से विचार कर सकते हैं और सुधार के लिए दिशा-निर्देश पा सकते हैं, और हम बेहतर संवाद भी कर सकते हैं और दूसरों के साथ मिल-जुल सकते हैं।
आप अपने बारे में जो देखते हैं वह आमतौर पर वही होता है जो आप सोचते हैं कि आप हैं; क्या आपने कभी सोचा है कि आप दूसरों की नज़रों में कैसे दिखते हैं? एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण लें और देखें!